यह पत्र “वन नेशन, वन टैक्स” और “आत्मनिर्भर भारत” की दूरदर्शी सोच की सराहना करते हुए, भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) फर्मों के लिए समान और निष्पक्ष अवसर सुनिश्चित करने का अनुरोध करता है। पत्र में मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड (MPRDC) द्वारा आंतरिक लेखा परीक्षण (Internal Audit) हेतु जारी एक निविदा का हवाला दिया गया है, जिसमें एक पूर्व-योग्यता शर्त के रूप में फर्म का मुख्यालय 01.01.2025 को मध्य प्रदेश में होने और भोपाल में मुख्यालय या शाखा कार्यालय अनिवार्य होने की बात कही गई है। इस शर्त को ICAI अधिनियम, 1949 की मूल भावना के विरुद्ध बताया गया है, जो प्रत्येक पंजीकृत सीए फर्म को भारत के किसी भी कोने में कार्य करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। यह तर्क दिया गया है कि ऐसी भौगोलिक शर्तें पेशेवर समानता, राष्ट्रव्यापी योग्यता और प्रतिस्पर्धा को बाधित करती हैं, तथा “लोकल से ग्लोबल” की सोच को भी सीमित करती हैं। पत्र में सुझाव दिया गया है कि यदि स्थानीय भागीदारी को प्रोत्साहित करना आवश्यक हो, तो तकनीकी मूल्यांकन मॉडल में अतिरिक्त अंक दिए जाएं, न कि इसे अनिवार्य शर्त बनाया जाए। अंत में, प्रधानमंत्री से केंद्र और राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त संस्थाओं को निविदा शर्तों से “हेड ऑफिस की राज्य-विशिष्ट उपस्थिति” जैसी बाधाओं को हटाने, पूरे भारत में सीए फर्मों को समान अवसर प्रदान करने और “वन नेशन, इक्वल प्रोफेशनल अपॉर्च्युनिटी” की नीति को अपनाने का मार्गदर्शन देने का विनम्र निवेदन किया गया है, ताकि भारतीय सीए फर्मों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।
Full text of the letter is as follows:
माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी
प्रधानमंत्री, भारत सरकार
साउथ ब्लॉक, राइसीना हिल
नई दिल्ली – 110011
विषय: “वन नेशन, वन टैक्स“ और “आत्मनिर्भर भारत“ की आपकी दूरदर्शी सोच के अनुरूप, भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों को समान और निष्पक्ष अवसर उपलब्ध कराने हेतु विनम्र अनुरोध
महोदय,
सादर वंदन।
मैं यह पत्र एक प्रतिबद्ध भारतीय नागरिक और एक पेशेवर चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में लिख रहा हूँ, जो आपके नेतृत्व में हुए ऐतिहासिक सुधारों से अत्यंत प्रेरित है। आपने जिस प्रकार “वन नेशन, वन टैक्स (GST)”, “वन नेशन, वन राशन कार्ड”, “वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड”, और “वन नेशन, वन डिजिटल आइडेंटिटी” जैसी योजनाओं को साकार किया है — वह न केवल प्रशासनिक एकीकरण का प्रतीक है, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक और संस्थान को एक समान अवसर प्रदान करने की दिशा में भी एक दृढ़ कदम है।
आपका स्वप्न एक ऐसे एकीकृत, निष्पक्ष और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है, जहाँ योग्यता, पारदर्शिता और समानता को सर्वोपरि महत्व दिया जाए।
संदर्भ और चिंता का विषय:
हाल ही में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड (MPRDC) द्वारा आंतरिक लेखा परीक्षण (Internal Audit) हेतु जारी निविदा में एक पूर्व-योग्यता शर्त (Prequalification Condition) के रूप में निम्नलिखित बात कही गई:
“फर्म का हेड ऑफिस 01-01-2025 को मध्यप्रदेश में होना चाहिए, तथा भोपाल में हेड ऑफिस या ब्रांच ऑफिस अनिवार्य है।”
मान्यवर, इस प्रकार की भौगोलिक आधार पर आधारित अर्हता शर्तें ICAI (The Institute of Chartered Accountants of India) द्वारा संचालित चार्टर्ड अकाउंटेंट अधिनियम, 1949 की मूल भावना के विरुद्ध हैं। यह अधिनियम प्रत्येक पंजीकृत सीए फर्म को भारत के किसी भी कोने में कार्य करने की विधिसम्मत स्वतंत्रता प्रदान करता है।
यह शर्त क्यों अनुचित है:
1. पेशेवर समानता के विपरीत: भारत के किसी अन्य राज्य में मुख्यालय रखने वाली फर्मों को इस शर्त के कारण अयोग्य ठहराया जा रहा है, चाहे उनकी सेवा गुणवत्ता और अनुभव किसी भी स्तर का हो।
2. राष्ट्रव्यापी योग्यता को नज़रअंदाज़ करना: इससे कई अनुभवी, तकनीकी रूप से सक्षम और दक्ष फर्म केवल स्थान के आधार पर बाहर हो जाती हैं।
3. प्रतिस्पर्धा की भावना को ठेस: ऐसे नियम प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करते हैं और गुणवत्ता की जगह क्षेत्र को प्राथमिकता देते हैं।
4. ‘लोकल से ग्लोबल’ की सोच को बाधित करना: आत्मनिर्भर भारत के तहत हमें भारतीय फर्मों को विश्वस्तरीय बनने का अवसर देना चाहिए — न कि उन्हें स्थानीय सीमाओं में बांधना।
हमारा विनम्र सुझाव:
यदि किसी राज्य की स्थानीय भागीदारी को प्रोत्साहित करना आवश्यक हो, तो उस हेतु एक तकनीकी मूल्यांकन मॉडल अपनाया जा सकता है जिसमें राज्य में ब्रांच या हेड ऑफिस होने पर अतिरिक्त अंक (additional marks) दिए जाएं, लेकिन उसे अनिवार्य अर्हता शर्त न बनाया जाए। इससे योग्यता पर आधारित चयन भी होगा और स्थानीय प्रोत्साहन भी।
प्रधानमंत्री जी से हमारी अपेक्षा:
हम आपसे विनम्रतापूर्वक निवेदन करते हैं कि:
- सभी केंद्र व राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों व स्वायत्त संस्थाओं को यह मार्गदर्शन प्रदान करें कि वे टेंडर शर्तों में“हेड ऑफिस की राज्य-विशिष्ट उपस्थिति” जैसी बाधाओं को न रखें।
- ICAI द्वारा प्रमाणित पंजीकृत सीए फर्मों को पूरे भारत में कार्य करने हेतुसमान अवसर प्रदान किया जाए।
- “वन नेशन, इक्वल प्रोफेशनल अपॉर्च्युनिटी”की नीति को नीति-निर्माण का हिस्सा बनाया जाए।
निष्कर्ष:
आपके नेतृत्व में ही वह दिन आएगा जब भारत की अपनी CA फर्में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “BIG 4” जैसी बनेंगी, और वह भी भारतीय विचारों, क्षमताओं और मूल्यों के साथ। हमें पूर्ण विश्वास है कि आप इस पहल को समर्थन देंगे और भारत के पेशेवर क्षेत्र को भी “स्थानीय से वैश्विक” की दिशा में प्रेरित करेंगे।
आपके कुशल नेतृत्व, संवेदनशील सोच और राष्ट्रनिर्माण के लिए समर्पण को नमन करते हुए, हम इस मुद्दे पर आपके हस्तक्षेप की आशा करते हैं।
सादर,
सीए विनय मित्तल
सदस्य संख्या: 078907
साझीदार, विनय नवीन एंड कंपनी
फर्म रजिस्ट्रेशन संख्या: 009188C
ईमेल: [email protected]
मोबाइल: 9310556351